सिटी मजिस्ट्रेट कौन होता है (City magistrate kaun hota hai) | सिटी मजिस्ट्रेट के कार्य (city magistrate ke karya)

सिटी मजिस्ट्रेट कौन होता है ( City magistrate kaun hota hai) | सिटी मजिस्ट्रेट के कार्य ( city magistrate ke karya) | City magistrate बनने के लिए क्या करें | सिटी मजिस्ट्रेट बनने के लिए योग्यता| सिटी मजिस्ट्रेट बनने की प्रक्रिया | सिटी मजिस्ट्रेट के पास कौन-कौन से जिम्मेदारी होती है आदि जैसे अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नों के बारे में आज किस आर्टिकल में हम जानेंगे।

ऐसे बहुत से लोग होते हैं, जिनको ये नहीं पता होता कि सिटी मजिस्ट्रेट कौन होता है? लेकिन उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट का नाम अवश्य सुना हुआ होता है।

सिटी मजिस्ट्रेट के नाम से ही पता चलता है कि सिटी का मजिस्ट्रेट लेकिन वास्तव में सिटी मजिस्ट्रेट सिटी का मजिस्ट्रेट होता है या कौन होता है? इसके बारे में कोई भी जानकारी बहुत से लोगों को नहीं होती है।

आज के हमारे आर्टिकल में अंत तक बन रहे हम आपको आज के इस आर्टिकल के माध्यम से सिटी मजिस्ट्रेट कौन होता है? और सिटी मजिस्ट्रेट का काम क्या होता है? आदि जैसे अन्य बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर इस आर्टिकल में बताएंगे।

तो चलिए अब हम जानते हैं, सिटी मजिस्ट्रेट कौन होता है | सिटी मजिस्ट्रेट के कार्य ( city magistrate ke karya) | City magistrate बनने के लिए क्या करें | सिटी मजिस्ट्रेट बनने के लिए योग्यता| सिटी मजिस्ट्रेट बनने की प्रक्रिया | सिटी मजिस्ट्रेट के पास कौन-कौन से जिम्मेदारी होती है आदि जैसे अन्य बहुत से प्रश्नों के उत्तर इस आर्टिकल में हम बताते हैं।

सिटी मजिस्ट्रेट कौन होता है ( City magistrate koun hota hai) | सिटी मजिस्ट्रेट के कार्य (city magistrate ke kary)

सिटी मजिस्ट्रेट कौन होता है?

शहर का प्रशासनिक प्रमुख अधिकारी सिटी मजिस्ट्रेट होता है, जो अपने शहर के क्षेत्र में कानून व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने एवं बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है।

जैसे कि हमें सिटी मजिस्ट्रेट के नाम से ही पता चलता है कि शहर का मजिस्ट्रेट यानी डीएम। अक्सर कई जगह डीएम को सिटी मजिस्ट्रेट कहकर संबोधित किया जाता है जिस कारण

हमें समझने में थोड़ी दुविधा हो जाती है कि सिटी मजिस्ट्रेट कौन है और डीएम कौन है?

डीएम और सिटी मजिस्ट्रेट दोनों एक ही पद के व्यक्ति है डीएम को सिटी मजिस्ट्रेट इसलिए कहा जाता है क्योंकि उसके ऊपर पूरे क्षेत्र का दायित्व होता है।

किसी भी क्षेत्र में सबसे सर्वोच्च पद सिटी मजिस्ट्रेट का माना जाता है, इस पद पर सिटी मजिस्ट्रेट की नियुक्ति केंद्र सरकार के द्वारा की जाती है।

सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा किए गए सभी प्रकार के कामों पर निगरानी केंद्र सरकार यानी राज्य सरकार के द्वारा की जाती है।

सिटी मजिस्ट्रेट के कार्य 

जैसा कि हमें पता है कि सिटी मजिस्ट्रेट एक जिला प्रभारी अधिकारी होते हैं जिनका काम प्रशासनिक गतिविधियों से जुड़े कामों करना होता है।

सिटी मजिस्ट्रेट को ही हम मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कहते हैं, इनके पास अनेकों कार्य प्रशासन से जुड़े हुए रहते हैं।

तो चलिए अब हम कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं से सिटी मजिस्ट्रेट के कार्य जानते हैं।

  • जिले में होने वाले सभी प्रकार के प्रशासनिक गतिविधियों के देखरेख एक सिटी मजिस्ट्रेट की ही होती है।
  • सिटी मजिस्ट्रेट का यह काम होता है कि जिले में कानून व्यवस्था सुचारू रूप से जारी रहे।
  • क्षेत्र में किसी प्रकार के आपातकालीन स्थिति होने पर उस आपातकालीन स्थिति की समस्या का समाधान निकालना भी सिटी मजिस्ट्रेट का काम होता है।
  • जल विभाग हो, बिजली विभाग, स्वास्थ्य विभाग या फिर कोई भी विभाग जो सिटी मजिस्ट्रेट के क्षेत्र के अंतर्गत आता है उन सभी विभागों से जुड़े कामों की जानकारी प्राप्त करना सिटी मजिस्ट्रेट का काम है।
  • केवल इतना ही नहीं क्षेत्र में होने वाले सभी प्रकार के पढ़ाई संबंधित गतिविधियों के लिए भी जिला मजिस्ट्रेट यानी सिटी मजिस्ट्रेट जिम्मेदार होता है।

सिटी मजिस्ट्रेट बनने के लिए योग्यता

किसी भी उम्मीदवार को सिटी मजिस्ट्रेट होने के लिए कुछ योग्यताएं सरकार द्वारा निर्धारित होती है जिनको हम कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं से जानते हैं।

  • उम्मीदवार को ग्रेजुएशन पास होना चाहिए।
  • ग्रेजुएशन में कम से कम 55% अंक लाने होते हैं।
  • अगर कोई उम्मीदवार ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में पढ़ाई कर रहा है तो भी वह इस सिटी मजिस्ट्रेट बनने के लिए परीक्षा दे सकता है।
  • इसके अलावा उम्मीदवार की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष से 40 वर्ष के बीच रहने चाहिए।
  • आरक्षित रहने की उम्मीदवार को आयु सीमा में थोड़ी बहुत छूट मिल जाती है।
  • सबसे महत्वपूर्ण बात इस परीक्षा को देने के लिए उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना बहुत जरूरी है।

City magistrate बनने के लिए क्या करें ?

अब तक हमने जाना की सिटी मजिस्ट्रेट कौन होता है? और उसके कार्य क्या होते हैं? अब हम जानेंगे कि अगर आप सिटी मजिस्ट्रेट बनना चाहते हैं, तो आप किस प्रकार बना सकते हैं?

सिटी मजिस्ट्रेट बनने के लिए आपको सभी प्रकार की योग्यताओं को पूरा करना होता है अगर आप सभी प्रकार की योग्यताओं को पूरा कर लेते हैं तो सिटी मजिस्ट्रेट की होने वाली परीक्षाओं को देकर आप सिटी मजिस्ट्रेट बन सकते हैं।

तो चलिए हम कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के द्वारा जानते हैं कि आप सिटी मजिस्ट्रेट कैसे बनते हैं?

  • सिटी मजिस्ट्रेट बनने के लिए सभी प्रकार की योग्यताओं को सबसे पहले पूरा करें।
  • उसके बाद यूपीएससी की होने वाली परीक्षा के लिए आवेदन करें, यूपीएससी की परीक्षा हर साल आयोजित की जाती है।
  • आवेदन करने के उपरांत सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होकर आपको प्रारंभिक परीक्षा देनी होती है।
  • प्रारंभिक परीक्षा पास होने के बाद ही आपको मुख्य परीक्षा देने का मौका मिलता है प्रारंभिक और मुख्य दोनों परीक्षा पास करके आप इसके अंतिम चरण में पहुंच सकते हैं।
  • अंतिम चरण साक्षात्कार का चरण होता है जिसमें आपसे मौखिक रूप से प्रश्न पूछे जाते हैं इस चरण को पास करने के बाद आप एक सिटी मजिस्ट्रेट बन सकते हैं।
  • लेकिन साक्षात्कार के बाद आपको आईएएस, आईपीएस आदि जैसे  प्रमुख पदों पर नौकरियां मिलती है। और इन सभी पदों से प्रमोशन मिलने के बाद ही आपको सिटी मजिस्ट्रेट बना दिया जाता है।

सिटी मजिस्ट्रेट बनने की प्रक्रिया

अगर आप सिटी मजिस्ट्रेट बनना चाहते हैं तो इसकी होने वाली परीक्षा बहुत आसान है यह तीन चरणों में आयोजित होती है, प्रारंभिक चरण, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू।

तीनों चरणों की परीक्षा पास करने के बाद आपको आईएएस, आईपीएस आदि जैसे पदों पर नौकरियां मिलती है और इन सभी पदों पर नौकरी करने के बाद प्रमोशन पाकर आप सिटी मजिस्ट्रेट बन सकते हैं।

तो चलिए अब हम इसकी तीनों प्रक्रियाओं के बारे में जानते हैं।

प्रारंभिक परीक्षा

सिटी मजिस्ट्रेट बनने के लिए आपको प्रारंभिक चरण में कुल दो पेपर देने होते हैं पहला पेपर सामान्य पेपर होता है और दूसरा सीसेट का होता है।

इन दोनों पेपर को पास करने के लिए आपको अधिक से अधिक अंक लाने होते हैं ताकि आप कट ऑफ पार करके मुख्य परीक्षा की ओर जा सके।

सिटी मजिस्ट्रेट की होने वाले प्रारंभिक परीक्षा ऑब्जेक्टिव प्रश्न वाली परीक्षा होती है, जिसमें आप से ऑब्जेक्टिव प्रश्न ही पूछे जाते हैं।

मुख्य परीक्षा 

मुख्य परीक्षा में कुल 7 पेपर होते हैं जिनमें दो ऑप्शनल पेपर भी होता है इन सभी पेपर में आपको अच्छे अंक अर्जित करने होते हैं तभी आप इंटरव्यू के तरफ जा पाते हैं।

इसमें दो पेपर ऑप्शन होते हैं और एक पेपर क्वालीफाइंग होता है जो की अंग्रेजी का पेपर होता है।

इंटरव्यू

सिटी मजिस्ट्रेट बनने की और आपका अंतिम चरण इंटरव्यू का चल रहा होता है, जिसे पास करने के बाद ही आप अपने मेरिट लिस्ट के अनुसार अलग-अलग पदों पर नौकरी पा सकते हैं और उसके बाद प्रमोशन पाकर सिटी मजिस्ट्रेट बन सकते हैं।

सिटी मजिस्ट्रेट के पास कौन-कौन से जिम्मेदारी होती है?

किसी भी क्षेत्र में सिटी मजिस्ट्रेट के पास कई तरह की जिम्मेदारियां होती है जिससे वह अपने क्षेत्र के लिए विकास या फिर क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु कई प्रकार के महत्वपूर्ण कदम उठा सके।

तो चलिए अब हम कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के द्वारा सिटी मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारियां के द्वारा में जानते हैं कि एक सिटी मजिस्ट्रेट के पास कौन-कौन सी जिम्मेदारियां या भूमिका उनकी होती है।

  • राज्य में होने वाली सभी प्रकार के आपदा संबंधित गतिविधियों से होने वाले परेशानी का निवारण करने के लिए एक सिटी मजिस्ट्रेट ही जिम्मेदार होता है। अर्थात ऐसे समय में सिटी मजिस्ट्रेट का दायित्व होता है कि राज्य या क्षेत्र में होने वाली सभी प्रकार की समस्याओं का निवारण कर पाए।
  • आपातकालीन स्थिति में जो भी निर्णय उसे स्थिति के अनुसार होगा उस निर्णय को सिटी मजिस्ट्रेट ले सकता है जिससे उनके क्षेत्र पर आई आपातकालीन स्थिति टल सके।
  • भूमि सुधार यानी कृषि क्षेत्र में होने वाली सभी प्रकार की भलाई संबंधित कामों की देखरेख भी एक सिटी मजिस्ट्रेट कर सकते हैं।
  • अपने क्षेत्र में सीडीओ या क्षेत्र शिकायत निवारण अधिकारी के रूप में एक सिटी मजिस्ट्रेट काम कर सकता है।
  • अपने जिले के कर और राजस्व संग्रह को एक सिटी मजिस्ट्रेट नियंत्रित कर सकता है।
  • ग्रामीण विकास एवं शहरों के विकास संबंधित कार्यों के देखरेख एक सिटी मजिस्ट्रेट करता है।
  • क्षेत्र में होने वाले चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से करना भी एक सिटी मजिस्ट्रेट का काम है।
  • किसी भी क्षेत्र में होने वाली शिक्षा संबंधित गतिविधियों जैसे परीक्षा आदि से जुड़े कामों की देखरेख भी सिटी मजिस्ट्रेट करता है।
  • सुचारू रूप से प्रतियोगी परीक्षाएं अपने क्षेत्र में करवाना मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी है।

FAQ – सिटी मजिस्ट्रेट कौन होता है? इससे संबंधित अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न

अब तक तो हमने जाना सिटी मजिस्ट्रेट कौन होता है? अब हम इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों को जानेंगे आप इसे भी अवश्य पढ़ें।

#1. जिला कलेक्टर और मजिस्ट्रेट में क्या अंतर है?

चाहे मजिस्ट्रेट हो या जिला कलेक्टर दोनों में कोई अंतर नहीं है दोनों एक ही पद के व्यक्ति हैं अगर हम जिला कलेक्टर को मजिस्ट्रेट कहेंगे तो यह कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि जिला कलेक्टर को ही जिला मजिस्ट्रेट यानी सिटी मजिस्ट्रेट कहा जाता है।

इन दोनों में कोई अंतर नहीं है जिला कलेक्टर या जिला मजिस्ट्रेट दोनों एक ही व्यक्ति हैं, इनका काम प्रशासनिक गतिविधियों का काम करना है।

#2. मजिस्ट्रेट कितने प्रकार के होते हैं?

फर्स्ट क्लास और सेकेंड क्लास ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट, कार्यपालक यानी Executive Magistrate आदि जैसे अन्य भी बहुत सारे मजिस्ट्रेट होते हैं।

लेकिन आमतौर पर मजिस्ट्रेट के रूप में हम जिला कलेक्टर को ही जानते हैं क्योंकि अन्य मजिस्ट्रेट के बारे में बहुत से लोगों को जानकारी नहीं होती है।

#3. कलेक्टर को सस्पेंड कौन कर सकता है?

किसी भी क्षेत्रीय जिले के कलेक्टर को केवल राज्य सरकार ही सस्पेंड कर सकते हैं राज्य सरकार के अलावा किसी भी ऐसी सरकारी अधिकारी को ऐसी शक्तियां नहीं है कि वह कलेक्ट को सस्पेंड कर सके।

#4. भारत में जिला का मुखिया कौन होता है?

हमारे भारत में जिला का मुखिया जिला मजिस्ट्रेट को कहा जाता है यानी डीएम। किसी भी क्षेत्र के डीएम को उस जिला का मुखिया कहा जाता है।

#5. कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर में क्या अंतर है?

कलेक्टर से नीचे के पद के व्यक्ति को डिप्टी कलेक्टर कहा जाता है डिप्टी कलेक्टर की नियुक्ति कलेक्टर के द्वारा ही की जाती है जो ऑफिस संबंधित कागजातों से जुड़े कामों की देख रेख करता है।

सारांश – सिटी मजिस्ट्रेट कौन होता है ( City magistrate kaun hota hai) | सिटी मजिस्ट्रेट के कार्य ( city magistrate ke karya)

आज के इस आर्टिकल मैंने आपको मुख्य रूप से बताया सिटी मजिस्ट्रेट कौन होता है ( City magistrate kaun hota hai) | सिटी मजिस्ट्रेट के कार्य ( city magistrate ke karya) | City magistrate बनने के लिए क्या करें | सिटी मजिस्ट्रेट बनने के लिए योग्यता| सिटी मजिस्ट्रेट बनने की प्रक्रिया | सिटी मजिस्ट्रेट के पास कौन-कौन से जिम्मेदारी होती है आदि जैसे बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर इस आर्टिकल में हमने जाना है।

इस आर्टिकल के द्वारा मैंने आपको सिटी मजिस्ट्रेट बनने की सभी प्रकार की प्रक्रियाओं एवं सिटी मजिस्ट्रेट आप किस प्रकार बना सकते हैं आपको कौन सी परीक्षा देनी पड़ती है आदि से अन्य भी बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर बताएं हैं।

आशा करती हूं मेरे द्वारा दी हुई जानकारी आपको पसंद आई होगी, अगर आपके पास इस आर्टिकल से जुड़े कोई भी प्रश्न हो तो कमेंट करके मुझे अवश्य पूछे।

हमारे आर्टिकल में अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद।

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